Picking Job free patna

“Picking Job” को  हिंदी में  “चयन कार्य बोलते है “। यह ऐसा कार्य होता है जिसमें लेबर  गोदाम (warehouse) में संग्रहीत विभिन्न उत्पादों में से किसी विशेष ऑर्डर के अनुसार उत्पादों को पहचानकर, एक जगह करते है  यह कार्य बहुत ही सटीकता और फुर्ती से करना होता है, क्योंकि गलत या देरी से की गई पिकिंग से कंपनी को बहुत ज्यादा नुकसान होता है |


 

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पिकिंग जॉब का महत्व:-

पिकिंग जॉब कोई  भी लॉजिस्टिक्स या ई-कॉमर्स प्रणाली की रीढ़ होती है। यह वह प्रक्रिया है जहाँ से ग्राहक के ऑर्डर की पूर्ति शुरू होती है। साथ ही अगर  पिकिंग में कुछ  त्रुटि होती है, तो गलत वस्तु ग्राहक तक पहुँचती है, जिससे ग्राहक असंतुष्ट हो सकता है। इसलिए, यह कार्य अत्यंत जिम्मेदारी और शांति से  होता है।


 

पिकिंग जॉब कैसे किया जाता है?

पिकिंग जॉब को करने की प्रक्रिया निम्नांकित  चरणों में बाँटी जा सकती है:-

 1 Order प्राप्त करना: सिस्टम में ग्राहक द्वारा किया गया ऑर्डर दिखता है। 

  1. पिक के लिए लिस्ट तैयार करना: एक सूची बनती है जिसमें उन वस्तुओं के नाम, कोड और स्थान (location) लिखे होते हैं। जिससे ग्राहक को सही समय पर delivary होता है 

  2. स्थान पर जाना: कर्मचारी उस स्थान पर जाते हैं जहाँ समान को  संग्रहीत है।

  3. वस्तु का चयन: पिकर वस्तु को उठाते हैं और चेक करते  हैं कि वह सही है या नहीं।

  4. वस्तु को कंटेनर या ट्रॉली में रखना: वस्तु को पैकिंग के लिए आगे भेजना जरुरी है |

  5. स्कैनिंग और सत्यापन: कई कंपनियों में वस्तु को स्कैन करके सत्यापित किया जाता है। कि वस्तु सही है या नहीं 


 

पिकिंग के प्रकार

  1. मैनुअल पिकिंग: इसमें कर्मचारी खुद जाकर वस्तुओं को चुनने का काम करते है ।

  2. ऑटोमेटेड पिकिंग: इसमें रोबोट या मशीनों की मदद से पिकिंग की जाती है , समान को ।

  3. बैच पिकिंग: एक साथ कई ऑर्डरों की वस्तुएँ इकट्ठा किये  जाती हैं।

  4. जोन पिकिंग: गोदाम को विभिन्न क्षेत्रों में बाँटा जाता है, और हर कर्मचारी एक क्षेत्र की जिम्मेदारी लेता है। जिससे काम जल्दी हो सके 


आवश्यक योग्यताएँ

   पिकिंग जॉब करने के लिए कोई  डिग्री की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन कुछ मूलभूत योग्यताएँ और कौशल जरूरी हैं:

  1. शारीरिक रूप से सक्रिय होना जरुरी है : इस कार्य में चलना-फिरना और सामान उठाना शामिल होता है जिससे worker करते है ।

  2. ध्यान केंद्रित रखने की क्षमता: सही वस्तु का चयन बहुत जरुरी  होता है।

  3. स्कैनर या टैबलेट चलाना आना: आजकल यह कार्य डिजिटल प्रणाली से जुड़ा हुआ है।

  4. समय का प्रबंधन: ऑर्डर समय पर भेजना बहुत जरुरी  होता है।

  5. टीम वर्क: पिकिंग, पैकिंग और डिस्पैच एक टीम वर्क है जो सभी मिलकर करते है काम को ।


 

कार्य का वातावरण

पिकिंग जॉब मुख्यतः वेयरहाउस में होता है, जो कि विशाल और संगठित स्थान होता है। कार्यस्थल साफ-सुथरा और व्यवस्थित होता है। कभी-कभी कर्मचारियों को लंबे समय तक खड़ा रहना पड़ता है। कुछ गोदाम वातानुकूलित होते हैं तो कुछ नहीं। काम की गति बहुत उच्च  होती है, विशेषकर पर्व /या कोई Festival सीज़न में।


चुनौतियाँ देखने को मिल सकती है :- 

  1. शारीरिक थकान: दिनभर चलने और सामान उठाने से शरीर थक सकता है। और worker को दिक्कत भी हो सकता है 

  2. समय की पाबंदी: हर ऑर्डर समय से पूरा करना ज़रूरी होता है। यानि टारगेट बहुत जरुरी होता है 

  3. गर्मी/सर्दी में काम करना: अगर गोदाम वातानुकूलित नहीं है, तो मौसम से परेशानी हो सकती है। लेकिन काम कंपनी के अंदर चलते रहता है 

  4. वस्तु में त्रुटि की संभावना: छोटी सी गलती कंपनी के लिए बहुत ज्यादा  नुकसानदायक साबित हो  सकती है।

  5. रात्रिकालीन शिफ्ट: कुछ स्थानों पर 24×7 कार्य होता है, जिससे नाइट शिफ्ट करनी पड़ सकती है। सभी को 


 

पिकिंग जॉब के लाभ :-

  1. रोजगार के अवसर: यह काम  बहुत से लोगों को रोजगार प्रदान करता है।

  2. कम योग्यता में भी नौकरी: बिना उच्च शिक्षा के भी यह कार्य कोई भी आसानी तरीका से कर  सकता है।

  3. स्किल डेवलपमेंट: इससे समय प्रबंधन, संगठन क्षमता जैसे गुण विकसित होते हैं।

  4. विकास की संभावना: अनुभव बढ़ने पर सुपरवाइज़र या वेयरहाउस मैनेजर बन सकते हैं।


पिकिंग जॉब में कैरियर की संभावनाएँ

हाल के वर्षों में ई-कॉमर्स का जिस प्रकार से विस्तार हुआ है, उससे पिकिंग जॉब की माँग बढ़ी है। अमेज़न, फ्लिपकार्ट, बिग बास्केट, रिलायंस जैसे कई बड़े ब्रांड लाखों कर्मचारियों को पिकिंग और लॉजिस्टिक्स में रोजगार देते हैं। जनता को 

इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति कार्यकुशल है, तो वह धीरे-धीरे एक्सेर्पिएंस  पाकर सुपरवाइज़र, शिफ्ट इंचार्ज, वेयरहाउस ऑपरेशन्स मैनेजर जैसे पदों पर पहुँच सकता है।


पिकिंग जॉब और तकनीकी परिवर्तन

आजकल वेयरहाउस में तकनीकी साधनों का प्रयोग बढ़ रहा है। बारकोड स्कैनर, RFID टैग, मोबाइल टैबलेट, और वॉइस-पिकिंग सिस्टम जैसी तकनीकों से कार्य की गति और सटीकता बढ़ गई है। जिससे  भविष्य में ऑटोमेशन के कारण यह कार्य और भी सुगम और तेज़  से हो जाति है 


महिलाओं के लिए पिकिंग जॉब

कई कंपनियाँ अब महिलाओं को भी इस कार्य में जोड़ रही हैं। महिलाओं के लिए शारीरिक बोझ हल्का रखने, सुरक्षा सुनिश्चित करने, और विशेष शिफ्ट उपलब्ध कराने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। इससे महिला शक्ति  को भी बढ़ावा मिल सकता है |

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